स्वस्थ लोग आयें और बीमार होकर जायें।बीमार होना है तो आइये अस्पताल
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देहरादून।
उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून के जिला चिकित्सालय “कोरोनेशन चिकित्सालय” में गंदगी के ढेर व वार्डों की दुर्दशा देखकर तो इसके लिए यह कहना उचित ही है कि बीमार होना चाहते हो तो आइये उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी के जिला चिकित्सालय कोरोनेशन अस्पताल में।
जिंदगी में तो अच्छा खासा स्वस्थ आदमी भी बीमार हो जाएगा जगह-जगह गंदगी फैली है वार्डों में लगे बेड पर चादरें तक नहीं बदली गई हैं मंगलवार रात को कोरोनेशन जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी डॉ राजेश कुमार ने यह बातें कहीं और कहा कि जल्द व्यवस्थाएं नहीं सुधरने पर कार्यवाही की जायेगी।जिलाधिकारी ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने दो मरीजों को बेंच पर लेटे हुए दिखा तो उनके पूछने पर एक मरीज ने बताया कि उनका अल्ट्रासाउंड होना है लेकिन उनके पास पैसे नहीं हैं। अस्पताल की एक नर्स में बताया कि मरीज ने अल्ट्रासाउंड की फीस जमा नहीं कराई है इस पर डीएम ने सीएमओ डॉ मनोज बेदी को तुरंत मनीष का अल्ट्रासाउंड करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मरीजों से मानवता का व्यवहार किया जाए इमरजेंसी में किसी भी डॉक्टर की ड्यूटी ना होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई।
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में इमरजेंसी की व्यवस्था होनी चाहिए उन्होंने तुरंत डॉक्टर की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी दिए।
इस दौरान अस्पताल परिसर और वार्ड में गंदगी देखकर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का हाल देखकर कहीं से कहीं नहीं लग रहा है कि यह राजधानी का जिला अस्पताल है। उन्होंने वालों में बेड पर गंदी चादरें बिछी होने और वार्डों में चारो ओर गंदगी बिखरी होने पर अपनी नाराजगी दिखाई।
जिलाधिकारी के इस प्रकार अस्पताल के औचक निरीक्षण की कार्यवाही से अस्पताल प्रशासन भौंचके रह गये हैं और उनमें हडकंप मचा हुआ है।
अस्पताल की ये दुर्दशा जिलाधिकारी से पहले न अस्पताल प्रबंधन को दिखी,ना हो हल्ला करने वाले राजनीतिक दलों को और ना ही सामाजिक संगठनों को।