10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मुद्दे पर प्रयास के लिए जताया आभार
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच का शिष्टमंडल वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व पूर्व राज्य मन्त्री रविन्द्र जुगरान के नेतृत्व में मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर राज्य आंदोलनकारियो के 10% क्षैतिज आरक्षण एक्ट को जो 2015 से राजभवन में लम्बित विधयेक को सिफारिश करने एवं त्वरित राजभवन से हस्ताक्षर करवाने हेतु मुख्यमन्त्री का आभार देने एवं राजभवन की त्वरित कार्यवाही हेतु व्यक्तिगत प्रयास के लिए निवेदन किया।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि वह अनुरोध पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके है एवं अधिनियम त्वरित कारवाही हेतु प्रयासरत हूँ।
मुख्यमन्त्री ने “जय उत्तराखण्ड जय उत्तराखण्ड” के नारे लगाकर राज्य आंदोलनकारी मंच को भी बधाई दी और विश्वास दिलाया कि वह राज्य आन्दोलनकारियों के साथ खड़े है।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी मंच ने महामहिम राज्यपाल से भी से अपील की है कि कैबिनेट के अनुरोध को राज्य के शहीद परिवार व सभी राज्य आन्दोलनकारियों के हित में त्वरित संस्तुति प्रदान करने की कृपा करने की पुनः अपील की है।
विदित ही है कि तत्कालीन समय में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन को बतौर छात्र नेता व बाद में पूर्व राज्य मंत्री रविंद्र जुगरान आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के मुद्दे को कई बार प्रदेश के वर्तमान मुखिया के सम्मुख कई बार प्रमुखता से उठा चुके हैं।
अपने पाठकों को हम यहां बता देना उचित व जरूरी समझते हैं कि रविन्द्र जुगरान की खास बात यह है कि वो जिस मुद्दे को हाथ में लेते हैं तो कुछ समय बाद वह मुद्दा,मुद्दा न रहकर शासनादेश बन जाता है।उनके नेतृत्व में आंदोलनकारियों को पूरा भरोसा भी है।
रविन्द्र जुगरान के नेतृत्व में मुख्यमंत्री धामी से मिलने वालों में सलाहकार ओमी उनियाल, जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती, केशव उनियाल, जयदीप सकलानी, राजीव तलवार, पूरण सिंह लिंगवाल, चन्द्र किरण राणा, राजेश पान्थरी, क्रान्ति कुकरेती, धर्मेन्द्र बिष्ट आदि थे।