कविता जोशी
हार्ट अटैक आने से पहले शरीर में आते हैं कुछ इस तरह के बदलाव या लक्षण ऐसे में सतर्क हो जाएं
जहां देखो,जिधर देखो हर कोई भागमभाग पर लगा है।कब होगा ये भागमभाग खत्म हममें से किसी को नहीं पता,लेकिन इतना तो अवश्य है कि सांसें थमने पर तो स्वतः ही खत्म हो जायेगी हमारी आपाधापी वाली जीवनशैली।
आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी है।कम समय में अधिक से अधिक काम करना चाहते हैं।ऐसे में खुद के लिए हर व्यक्ति कम समय निकाल पाते हैं।योगा या व्यायाम नहीं कर पाते।
आमतौर पर हार्ट अटैक की दिक्कत बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते होती है। यही वजह है कि देश में चार में से तीन लोगों को हार्ट अटैक की समस्या होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातर लोगों को साइलेंट अटैक भी कई बार आ जाते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं चलता है। सही वक्त पर अगर हार्ट की मांसपेशियां काम न करें तो बड़ी दिक्कत हो सकती है।तो चलिए जानते हैं कि हार्ट अटैक आने से पहले हमारा शरीर किस प्रकार के संकेत देता हैं।
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण
यदि हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों के बारे में पहले पता चल जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। शुरुआती लक्षणों में बेचैनी, सीने में बेचैनी, सीने में भारीपन, छाती में दर्द, पसीना आना, सांस फूलना शामिल है।इसके अलावा कई लोगों को एसिडिटी या डकार आती है, जिसे कुछ लोग गैस की समस्या समझ लेते हैं।बता दें कि यह भी हार्ट अटैक आने से पहले का लक्षण है। इसे साइलेंट हार्ट अटैक के नाम से भी जाना जाता है।
इन लक्षणों को भी हल्के में न लें
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार हार्ट अटैक आने से पहले कमजोरी, हल्का सिरदर्द, गर्दन-जबड़े और पीठ मे बेचैनी या दर्द होना भी शामिल हैं। यानी अगर आपको इस प्रकार के कोई भी लक्षण नजर आए तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।तुरंत डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अगर हम इस प्रकार की जानकारी रखें और इस जानकारी को अपनों में शेयर करें तो हम अपनी व अपनों के जीवन को ऐसी स्थितियों में नया जीवन दान दे सकते हैं।