चुनाव पूर्व चिन्हित आंदोलनकारियों की सूची जारी करने के आदेश दे राज्य सरकार
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केशर जन कल्याण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एन के गुसाईं ने प्रैस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की लंबित मांगों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पिछले कार्यकाल में पूरा तो किया लेकिन ऐन मौके पर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते पूरी की पूरी एक्साइज धरी की धरी रह गई और सूची जारी नहीं हो पाई।
सूची की “आसमान से लटकी,खजूर में अटकी” वाली स्थिति हो रखी है।
अब चूंकि राज्य में एक बार फिर से भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार सत्तासीन हुई है,सौभाग्यवश मुख्यमंत्री भी धामी जी ही हैं जिन्होंने
आंदोलनकारियों की भावनाओं को समझते हुए चिन्हीकरण की लम्बित प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने हेतु प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को बैठक कर चिन्हीकरण के आदेश दिए थे।
ऐसे में अब धामी सरकार को राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कर चुनाव पूर्व आंदोलनकारियों की चिन्हित सूची को सार्वजनिक कर आंदोलनकारियों से अपने चुनाव पूर्व किये गये वादे को पूरा करने में तनिक भी विलम्ब नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री धामी राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की भावनाओं का निश्चित रूप से सम्मान करेंगे वह युवा होने के साथ-साथ एक सुलझे हुए राजनेता भी हैं तभी तो भाजपा हाईकमान ने उन्हें एक बार फिर से देवों की भूमि उत्तराखंड की सत्ता की बागडोर सौंपी है।
केशर जन कल्याण समिति अपनी इसी महत्वपूर्ण एकसूत्रीय
मांग को लेकर शीघ्र ही राज्य की अस्थाई राजधानी देहरादून के जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर उन्हें उनके द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य आंदोलनकारियों से किए गए वादे को याद दिलाएगा।