प्राकृतिक संसाधनों का नियोजन उचित तरीके से हो-डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी

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*प्राकृतिक संसाधनों का नियोजन उचित*तरीके से हो :* *डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी*

*युवा छात्र/छात्राओं नें कहा भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड जरुरी*

*राठ महाविद्यालय पैठाणी (पौड़ी) में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी* ।

 

*पैठाणी* । राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल के “सांस्कृतिक परिषद” द्वारा राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । भाषण प्रतियोगिता का विषय “उत्तराखण्ड राज्य के दो दशक : संभावनाएं उपलब्धियाँ व चुनोतियाँ था
, जिसमे युवा छात्र-छात्राओ नें राज्य हित में बेजोड़ तर्क प्रस्तुत कर सदन अनेक प्रकार की अवधारणाएं प्रस्तुत की । बी0ए0 की छात्रायें कु0 अंजलि व कु0 अनिता नें कहा की जब तक राज्य में नौजवानों के लिये रोजगार की समुचित व्यवस्था नहीं होगी तब तक राज्य में पलायन जारी रहेगा
और राज्य के भीतर एक अलग वर्ग खड़ा हो जाएगा, ,जो विषमता को जन्म देगा । आज हर कोई पहाड़ छोड़नें पर आमादा है । जरुरी है की यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों का उचित तरीके से उपयोग हो । बी0पी0एड0 की छात्रा कु0 स्तुति और कु0 नेहा नें कहा की राज्य के भीतर पर्यटन व तीर्थाटन की अनेक सम्भावनाएं । अभी सरकार उसका उचित प्रवन्धन नही कर पाई है। शिक्षा/स्वास्थ्य को लेकर भी छात्र/छात्राओ नें अनेक सुझाव प्रस्तुत किये, की इस क्षेत्र में भी सुधार की अनेक संभावनाएं है । अगर दोनों सुविधाएं दुरुस्त हो जाएँ तो यक़ीनन राज्य का बेहतर विकास हो सकेगा
कु0 ऋचा, कु0 गरिमा व कु0 रक्षा नेगी नें भी राज्य की इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करनें की वकालत की ।


शिक्षा संकाय के प्राध्यापक डॉ0 उमेश चंद्र बंसल नें प्राकृतिक खेती व पहाड़ में पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियों के उत्पादन पर अधिक जोर दिया उन्होंने कहा की अगर पहाड़ की खेती और फसलों का महत्त्व आँका जाय तो यह कई गंभीर बिमारियों को रोक सकता है ।
डॉ0 राम सिंह नेगी कहा की आज राज्य में जागरूकता कमीं है, इसीलिये भष्टाचार चरम पर है इससे नौजवान हताश और निराश है । उन्होंने कहा की पढ़ाई के साथ-साथ हमें हमारे चारों और के वातावरण की तरफ भी जागरूक होना होगा ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी कहा की राज्य में प्राकृतिक समृद्धता है परन्तु उसका उपयोग संरक्षणात्मक तरीके से होना चाहिये, नहीं तो आने वाली पीढ़ियों को हम कुछ नही रख पाएंगे ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल ने किया उन्होंने राज्य की संस्कृति के महत्त्व को प्रदानता दी ।
कार्यक्रम में डॉ0 राजकुमार पाल, डॉ0 मंजीत सिंह भंडारी, डॉ0 राजीव दूबे, डॉ0 अरविंद कुमार आदि के साथ तीनो संकायों के छात्र/छात्राए उपस्थित थीं ।
अंत में निर्णायकों द्वारा भाषण प्रतियोगिता के परिणामो के अनुसार छात्र/छात्राओ को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सात्वना पुरूस्कार प्रदान किये गए ।

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