भारी बर्फबारी से खड़ी फसल हुई तबाह,बेमौसम बर्फबारी व ओलावृष्टि से लोग सकते में

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जब बारिश और बर्फबारी होनी थी तब कुछ हुआ नहीं,लोग बारिश और बर्फबारी के लिए तरसते नजर आये।
और जब बारिश तथा बर्फबारी हुई तो लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गाजणा क्षेत्र में अचानक बे-मौसमी बर्फबारी (ओले के रूप के) हुई है। यहां आज देर शाम अचानक बदले मौसम ने घाटी में करीब आधे घण्टे से ज्यादा समय तक ओलावृष्टि बर्फबारी बनकर बरसे हैं। इससे पूरी घाटी ओलों से सफेद चादर से पट गई हैं। ओलें पड़ने से पूरी घाटी में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। बे-मौसम ओले और बर्फबारी ने खड़ी फसल को तबाह कर दिया है। ओलों की चपेट में आने से कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालांकि डीएम अभिषेक रोहेला ने फिलहाल बड़े नुकसान की सूचना से इंकार किया है।

जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी की गाजणा पट्टी के कमद, कुमारकोट, ठाण्डी, ब्रह्मपुरी, भड़कोट आदि गांव टिहरी जिले की सीमा बूड़ाकेदार से लगे हैं। यहां देर शाम अचानक मौसम बदला और जमकर ओलों के रूप में बर्फबारी हुई है। देखते ही देखते पूरी घाटी बर्फबारी से सफेद चादर से ढक गई है। ओलों की बरसात ने गेहूं, आलू, धनिया। मिर्च, आदि फसलों को बर्बाद कर दिया है। जबकि फलदार और फूलों से लकदक पेड़ों को भी भारी नुकसान हुआ है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व सैनिक द्वारिका प्रसाद भट्ट ने बताया कि ओले पूरी बर्फबारी जैसे बरसे हैं। इससे पूरी घाटी में ठंड और ठिठुरन बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि ओलों ने पूरी घाटी में फसलें बर्बाद कर दी है। इधर, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रोहेला ने कहा कि ओलों से कितना नुकसान हुआ है, आंकलन किया जा रहा है। उधर, राज्यभर और देशभर में जहां इस बार फरवरी और मार्च में अप्रैल और मई जैसा मौसम बना हुआ है। इससे लोग समय से पहले गर्मी बढ़ गई है। लोग मौसम में आये बदलाव से कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं।
बर्फबारी से लोगों को फायदा तो नहीं हुआ लेकिन नुकसान अवश्य हो गया है।

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