डाॅ0 देव कृष्ण थपलियाल
वनों को बचाने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण : भुवन नौटियाल
नंदासैण I 33 साल पहले स्थानीय वनों पर सरकारी नीति थोपते के ख़िलाफ़ महिलाओं ने वन बचाने को बड़ा आन्दोलन किया था I सरकार अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस पूरे क्षेत्र में चीड के वृक्षो का रोपण कर रही थी, स्थानीय जनता के तमाम विरोधों के बावजूद सरकार अपनी मनमानी पर तुली रही, नतीजन महिलाओं ने वन विभाग द्वारा रोपे जा रहे वृक्षो को उखाड़ फेंक कर बाँज – बुरास के हजारों वृक्षो का रोपण शुरू कर दिया, 1988 में चिपको आंदोलन के बाद इस जनपद में यह दूसरा बड़ा पर्यावरण आंदोलन था, जिसमे स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर के आंदोलनकरियो ने शिरकत की थी I
इस आन्दोलन के समर्थन में प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री चडी प्रसाद भट्ट, श्री सुन्दर लाल बहुगुणा, कर्नाटक से पाण्डुरंग हेगड़े, श्री भुवन नौटियाल, मालई ग्राम की श्रीमती शांता देवी आदि लोग थे I
33 वर्ष बाद आज इस आन्दोलन की याद में सुबह से तीन ग्राम सभाओं मलाई , बैंनोली व देवल गड़सारी की महिला मंगल दलों ने अपने अपने गांवो से रैली व गाजे- बाजो के साथ पर्यावरण संरक्षण के तख्तियों को हाथ में लेते हुए, नारे के साथ पैदल यात्रा कर आयोजन स्थल पर पहुंची, जहां वक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखे I
आंदोलन के सूत्रधार श्री भुवन नौटियाल को, उनके अनुकरणीय प्रयास की भूरि-भूरि प्रसंसा करते हुए साल 2021 – 22 का प्रथम पुरूस्कार से सम्मानित किया गया I
गोष्ठी में पूर्व राज्य मंत्री सुरेश बिष्ट, नगर पंचायत गैरसैन् के अध्यक्ष श्री पुष्कर सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती धनपा देवी, श्री मोहन सिंह भंडारी, श्री रूपचंद टमट, श्री मंगला कोठियाल, लोक गायक श्री जितेन्द्र कुमार, श्री लक्ष्मण सिंह रावत मैती श्रीमती सरिता देवी, श्री कमल कोहली श्री अवतार सिंह चौधरी, श्री त्रिलोक सिंह खत्री, श्री विक्रम चौधरी, आदि बड़ी संख्या में अतिथि गन व क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही I
गोष्ठी में सरकार के लिए 20 सूत्रीय मांग पत्र पारित किया गया,
गोष्ठी में जन गीतों के माध्यम से जान फूंकने के लिए श्री जितेंद्र कुमार की लोगों ने खूब प्रशंसा की ,
गोष्ठी के अंत मे महिलाओ द्वारा 330 वृक्षों का रोपण किया गया