*समृद्ध राज्य के लिए सीमित जनसंख्या जरुरी*
*राठ महाविद्यालय पैठानी पौड़ी गढ़वाल के कला संकाय परिषद द्वारा आयोजित कि गई, विचार गोष्ठी* ।
*वक्ताओं ने कहा जनसंख्या विस्फोट देश के विकास मे घातक*
डाॅ0 देव कृष्ण थपलियाल
*पैठाणी* । विश्व जनसंख्या के सुअवसर पर विभागीय परिषद कला संकाय, राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने बढ़ती जनसंख्या को देश के विकास के लिए घातक बताया।
कार्यक्रम प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी के दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरु हुआ। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 गोपेश कुमार सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि से सबसे पहले भोजन संकट पैदा होगा, जिससे भूखमरी और घातक बीमारियां तक पैदा हो जायेगी। कला संकाय के डा0 राजीव दुबे ने कहा कि आज विश्व की जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, जबकि प्राकृतिक संसाधन सीमित है, उन्होने कहा कि जनसंख्या वृद्धि का असर मानव जीवन के सभी पहलुओं पर पड़ेता है, रोजगार और दूसरी मूलभूत सुविधाएं पर भी पड़ेगा, जिससे मानवीय विकास अवरूद्ध होगा, डॉ0मंजीत सिंह भंडारी ने कहा कि जिन खेत-खलिहानों मे कभी अनाज लहलहाता था, वहां आज कंक्रीट के जंगल उग आए हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल ने कहा की जनसंख्या वृद्धि का सीधा असर प्रकृति पर पड़ता प्राकृतिक संसाधनो पर दबाव पड़ने से पर्यावरण भी असंतुलित होने लगा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ जितेंद्र कुमार नेगी ने कहा की 1987 से 5 अरब की जनसंख्या आज 2024 मे साढ़े आठ अरब हो गई है, यह जनसंख्या विस्फोट की समस्या जलवायु परिवर्तन के समान ही बेहद नुकसानदायक है,
विश्व में ताकतवर देश जो विश्व मे नीतियों को प्रभावित करते हैं इसके लिए गंभीर नहीं हैं जो चिन्ता का विषय है, जनसंख्या विस्फोट से मानव अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है।
गोष्ठी को अनेक छात्र छात्राओं ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापकगण व छात्र/ छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।