मुख्यमन्त्री से रविंद्र जुगरान व क्रान्ति कुकरेती की फोन पर बात होने के बाद स्थगित हुआ सामूहिक आत्मदाह,धरना रहेगा जारी
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आंदोलनकारियो के 10% क्षैतिज आरक्षण का मामला कैबिनेट में ना आने पर युवा आंदोलनकारी व साथियो द्वारा आज सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी। इस चेतावनी को मध्यनजर रखते हुए सभी राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर एकत्र होने लगे ताकि किसी भी तरह की अनहोनी ना हो और नारे बाजी करने लगे। इस पर जिला प्रशासन व इंटेलिजेंस भी पूरी नजर बनाएं हुए थी कि कोई अप्रिय घटना ना हो तो पुलिस बल व फायर की गाड़ी शहीद स्मारक पर खड़ी कर दी गई।
आज लगभग 12-30 बजे माननीय मुख्यमन्त्री जी का वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान जी को फोन आया कि वह 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर गम्भीर है कल जो कैबिनेट हुई उसमे भी राज्य आंदोलनकारियो के मामले पर चर्चा की गई अतः ऐसा घातक कदम ना उठाएं। रविन्द्र जुगरान ने सारी स्तिथि से मुख्यमन्त्री को अवगत कराते हुए कहा कि यहां आक्रोश व्याप्त है अतः आप स्वयं क्रांति कुकरेती से बात कर विश्वास दिलाएं तब माननीय मुख्यमन्त्री पुष्कर धामी ने क्रांति कुकरेती को बात कर भरोसा दिलाया कि हम गवर्नर हाउस से लेकर शासन व सरकार अपने स्तर पर लगी है और अपने दौरे से लौटकर सब देखता हूँ।
इस पर क्रांति कुकरेती ने कहा कि एक बार पुनः आपकी बात का भरोसा करते हुए आत्मदाह का कदम वापस लेता हूँ परन्तु धरना बदस्तूर जारी रहेगा।
आज सरकार पर दबाव बनाने हेतु अधिकतर संख्या में शहीद स्मारक पहुंचने वालों में रविन्द्र जुगरान, क्रांति कुकरेती, गणेश शाह, मनोज कुमार , जगदीश पंत, सूर्यकांत बमराड़ा, रामकिशन, विमल जुयाल, वीरेन्द्र रावत व आलोक घिल्डियाल, अम्बुज शर्मा, प्रदीप कुकरेती , नवनीत गुंसाई, विक्रम राणा, धर्मानन्द भट्ट, निर्मला बिष्ट, सुरेश नेगी, चन्द्र किरण राणा, जगमोहन रावत, बिना बहुगुणा, सरोज रावत, राजेश्वरी रावत, संगीता रावत, विपुल नौटियाल, विनोद असवाल, बीर सिंह रावत, सतेन्द्र नोगाई, प्रवीन गुंसाई, प्रभात डन्डरियाल आदि थे।