हल्द्वानी।
उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने कहा कि
उत्तराखंड के मूल निवासियों के हक खतरे में जाने वाले है। 11 अगस्त 2019 को सबसे पहली बार संसद में नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने उद्धमसिंह नगर में बसे पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली लोगो के लिए आरक्षण मांगा, इनके निवास प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने की मांग की, और साथ साथ यह भी कहा, कि देश में जहा जहा देश में इनकी जनसंख्या ज्यादा है, वहा बंगला पढ़ाई जाए। आज मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इनके प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने का निर्णय लिया। उत्तराखंड क्रांति दल सांसद अजय भट्ट के बयानों का, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फैसले का विरोध करता है, उत्तराखंड कोई धर्मशाला नही है, कि कोई भी आ जाए और यहां का स्थाई निवास प्रमाण पत्र बना कर यहां के मूल निवासियों का रोजगार खाए। राज्य सरकार जल्द से जल्द अपना फैसला वापस ले, और भू कानून के साथ साथ मूल निवास 1950 लागू करे, वरना उत्तराखंड क्रांति दल बड़ा धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएगा, जब जब उत्तराखंड के मूल निवासियों के हक को कोई छिनने की कोशिश करेगा, तब तब उन्हे उत्तराखंड क्रांति दल के विरोध का सामना करना पड़ेगा। ये राज्य की जब हमने मांग की थी, तो पहाड़ मूल के लोगो का जो हनन हो रहा था, उसको लेकर की थी, उत्तराखंड में रह रहे अन्य समुदायों के लोगो को लेकर नही, लेकिन आज राज्य में भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने पहाड़ मूल के लोगो से पलायन करवाया और बाहर के लोगो को उत्तराखंड में बसाया, उत्तराखंड क्रांति दल पिछले 20 साल की इन राष्ट्रीय दलों की भ्रष्ट नीतियों का भी विरोध करता है।