उठो उत्तराखंडियों अब ऑखें खोलो।दूध का व्यापारी कैसे बन गया अरबों का मालिक,पार्टी के विधायक ने ही कहा कौशिक की बेनामी संपत्ति की हो जांच
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हरिद्वार।
14 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव खत्म होते ही लक्सर विधायक संदीप गुप्ता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पूर्व विधायक व वर्तमान में बसपा से लक्सर प्रत्याशी मौहम्मद शहजाद से नजदीकी के चलते व भाजपा के कुछ नामिनेटेड पार्षदों के साथ मिलकर भीतरघात का आरोप ही नहीं लगाया था,बल्कि मदन कौशिक को गद्दार कहते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने तक की मांग कर डाली थी।
मदन कौशिक पर विधायक संजय गुप्ता का आक्रमण जारी है।अब पार्टी के विरोध में काम करने का आरोप चस्पा कर भाजपा विधायक व लक्सर से पार्टी उम्मीदवार संजय गुप्ता ने मदन कौशिक की अकूत प्रॉपर्टी की जांच की मांग कर भाजपा के भीतर भूचाल ला दिया है। उधर, भाजपा के सूत्रों का कहना है कि लक्सर विधायक अपनी हार देख बौखला गए हैं।
पार्टी उम्मीदवार संजय गुप्ता ने कहा कि दूध का छोटा व्यापारी कैसे अरबों का मालिक बन गया। गुप्ता ने कहा कि कौशिक की बेनामी संपत्ति की जांच की जाय।
उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि बीते 20 साल में एक दूध बेचने वाला छोटा व्यापारी कैसे हजारों करोड़ का कारोबारी बन गया।
एक नया आरोप जड़ते हुए कहा कि मदन कौशिक ने विपक्षी विधायक के साथ मिलकर जुलाई 2017 में मंगलौर में स्लाटर हाउस खोलने के आदेश जारी किये।
भाजपा विधायक ने खुलासा करते हुए कहा कि स्लाटर हाउस खोलने के लिए तत्कालीन नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं सभी गुहार लगाई थी।
लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ0जयपाल सिंह के लैटर हैड पर 9 फरवरी के आदेश को दिखाते हुए कहा कि जिला संगठन ने लक्सर विधानसभा में चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों और भीतरघात में शामिल 4 कार्यकर्ताओं जिसमें 1 पार्षद भी है, को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया ।
लक्सर विधायक ने कहा कि यह कौन लोंग हैं, किसके नजदीक हैं सभी को पता है।
विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को मामले की जांच करवाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित करना चाहिए।
उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ0 जयपाल सिंह ने कहा कि विधायक के स्तर से लिखित शिकायत मिलने पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ0 जयपाल सिंह ने विधायक संजय गुप्ता के बयान पर कहा कि उन्हें अपनी बात पार्टी फोरम पर रखनी चाहिए थी। इस तरह मामले को मीडिया के सामने ले जाना उचित नहीं।
इस बीच उत्तराखंड भाजपा के ही कुछ अन्य विधायकों ने भीतरघात की बात कहकर अनुशासित कही जाने वाली पार्टी के अंदर बवाल की स्थिति खड़ी कर दी है।
यदि वास्तव में विधायकों के आरोप सही हैं तो क्या अब उत्तराखंडियों को जागना नहीं चाहिए कि ये उत्तराखंड में राज्य हित के बजाय निजी हित के लिए भीतरघात,दल बदल,मौका परस्ती,लूट खसौट क्यों निरंतर जारी है ? क्या इन सब के लिए ही लम्बा जन ऑदोलन चलाया गया व 42 लोगों ने शहादत दी थी।
ये मात्र खबर ही नहीं है बल्कि देवभूमि की धरती की पुकार भी है कि राज्य बनने के 22 वर्षों बाद कहना पड़ रहा है कि-
उठो उत्तराखंडियों अब ऑखें खोलो।
हरिद्वार से गंगाजल लाई हूं मुंह धोलो।।
देखने वाली बात यह भी होगी कि
भाजपा हाईकमान अनुशासन का डंडा चलायेगी या यूं ही चुप्पी साध लेगी यह तो वक्त आने पर भी पता चल पायेगा।
आरोप गंभीर प्रकृति के होने के कारण उत्तराखंड की देवतुल्य जनता व भाजपा हाईकमान दोनों के लिए चिंतनीय व सोचनीय अवश्य हैं।