अगर आप UPI से लेनदेन करते हैं तो आपको अगले वित्त वर्ष की पहली तारीख से अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
आज कल के डिजिटल युग में बहुत कम लोग ऐसे हैं,जिन्हें पैसे के लेन देन करने के लिये बहुत अधिक चक्कर बैंकों के लगाने पड़ते हैं । अधिकांश में परिस्थितियों में हम पैसे का लेन दे अपने मोबाईल में इंस्टाल्ड एप्प्स(Phone Pay , Google Pay , Paytm आदि ) से ही कर लेते हैं लेकिन अब अब UPI से पैसे पैसे भेजने वाले लोगों को थोड़ी सा झटका लगने वाला है
क्योंकि अब जेब ढीली करनी ही होगी दरसअल
NPCI ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस UPI के माध्यम से मर्चेंट को की जाने वाली पेमेंट पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लगाने का सुझाव दिया है. ये चार्ज Gpay, Phonepay या Paytm जैसे यूपीआई ऐप के जरिए 2,000 रुपए से ज्यादा की लेनदेन पर लगाने की तैयारी है।
1 अप्रैल से UPI से पेमेंट करना पड़ेगा महंगा, 2000 से ज्यादा किए ट्रांसफर तो लगेगा इतना चार्ज!
UPI पेमेंट पर लगेगा सरचार्ज.
अगर आप ऑनलाइन लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। 1 अप्रैल से Gpay, Phonepe, Paytm आदि ऐप से पेमेंट करने पर चार्ज देना पड़ सकता है।नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक सर्कुल जारी किया है. इसके तहत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर फीस लगाने का सुझाव दिया गया है।इसका मतलब है कि अगले महीने से मर्चेंट यानी व्यापारियों के साथ की जाने वाली लेनदेन पर आपको जेब ढीली करनी पड़ सकती है।
NPCI ने मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर ‘प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट’ (PPI) फीस लगाने का सुझाव दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार यूपीआई पेमेंट सिस्टम की गवर्निंग बॉडी 2,000 रुपए से ज्यादा की यूपीआई पेमेंट पर PPI फीस लगाने पर विचार कर रही है. ऐसा होने पर लेनदेन की रकम के 1.1 फीसदी पर इंटरचेंज लगेगा।
1 अप्रैल से होगा लागू
न्यूज सूत्रों के अनुसार पता चला कि इंटरचेज फीस से लेनदेन की प्रोसेसिंग आदि का लागत वसूलने में मदद मिलेगी. हालांकि, इससे पेमेंट करना महंगा हो जाएगा. यूपीआई पेमेंट से जुड़ा नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा. एनपीसीआई ने इंडस्ट्री और सेक्टर के हिसाब से अलग-अलग सरचार्ज रेट तय किया है. एग्रीकल्चर और टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरचार्ज की दर कम रहने का अनुमान है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 70 फीसदी से यूपीआई पेमेंट 2,000 रुपए से ज्यादा की होती है।
30 सितंबर को होगा रीव्यू
न्यूज सूत्रों के अनुसार पता चला यूपीआई पेमेंट सिस्टम अभी तक जीरो-मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) मॉडल पर चलता है. हालांकि, नया नियम आने के सरचार्ज वसूला जा सकता है. ऐसे में सरचार्ज से जुड़े नए मॉडल को 30 अप्रैल या उससे पहले रीव्यू किया जा सकता है. हालांकि, अभी तक सरचार्ज लगाने के प्लान पर कंफ्यूजन बनी हुई है।
कंपनियों को राहत
न्यूज सूत्रों के अनुसार पता चला , हालांकि आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये फीस बैंक अकाउंट और पीपीआई वॉलेट के बीच होने वाले पीयर टू पीयर (P2P) और पीयर टू मर्चेंट (P2M) लेनदेन पर लागू नहीं होगी।नया इंटरचेंज स्ट्रक्चर पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे UPI ऐप को बड़ी राहत देगा। डिजिटल पेमेंट में बड़ा योगदान देने के बाद भी ये कंपनियां रेवेन्यू बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
ऐसे में कतिपय लोग भविष्य में
UPI लेनदेन में थोड़ा-बहुत कमी अथवा अपने कदम पीछे खींच सकते हैं।