राशन कार्ड धारक नये वर्ष में एक बार फिर से केन्द्र सरकार की राशन वितरण प्रणाली का लाभ ले सकेंगे।
मोदी सरकार आज एक जनवरी 2023 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को एक साल के लिए मुफ्त अनाज मुहैया कराएगी। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को एक जनवरी से 31 दिसंबर, 2023 तक सभी एनएफएसए लाभार्थियों को वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न के शून्य मूल्य को अधिसूचित किया।
एक बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार वर्ष 2023 के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खाद्य सब्सिडी वहन करेगी। योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के महाप्रबंधकों को अपने अधिकार क्षेत्र में प्रतिदिन तीन राशन दुकानों का अनिवार्य रूप से दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। मंत्रालय ने मुफ्त अनाज के मद्देनजर लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरण करने वाले डीलर का मार्जिन उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर राज्यों को परामर्श भी जारी किया है। मीडिया जानकारी के अनुसार खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केंद्र की नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना एक जनवरी, 2023 से शुरू होने वाली है। बनई योजना वर्ष 2023 के लिए एनएफएसए के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करेगी। यह योजना एनएफएसए के प्रभावी और समान क्रियान्वयन को भी सुनिश्चित करेगी। जानकारी के मुताबिक इससे पहले, एनएफएसए के तहत आने वाले लाभार्थी 31 दिसंबर, 2022 तक 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर का भुगतान कर रहे थे। साथ ही, उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को राहत देने के लिए अप्रैल 2020 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त अनाज भी मिल रहा था। लेकिन, पीएमजीकेएवाई जिसे कई बार बढ़ाया गया था, 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त हो गई।5.33 लाख उचित मूल्य की दुकानों से होगा वितरण
नई एकीकृत योजना के तहत, केंद्र सरकार देशभर में 5.33 लाख उचित मूल्य की दुकानों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से वर्ष 2023 के लिए सभी एनएफएसए लाभार्थियों, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले घरेलू व्यक्तियों दोनों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करेगी। जानकारी के मुताबिक प्राथमिकता घरेलू श्रेणी के लिए लगभग 5 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह आवंटित किया जाएगा जबकि एनएफएसए के तहत प्रदान किए गए अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों के लिए 35 किलो प्रति परिवार प्रति माह दिए जाएंगे।