चकराता।
देवभूमि उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र से एक बहुत बड़ा सुखद समाचार सुनाई दे रहा है।
चकराता के ग्रामीणों द्वारा एक अच्छी पहल की गई है। यहां ग्रामीणों ने खर्चीली शादी पर लगाम लगाने के साथ ही शादियों में नशापान से दूर रहने के लिए शराब पर रोक लगाने का फैसला किया गया है।
दरअसल, चकराता ब्लॉक के खत तपलाड़ से जुड़े सात गांवों कोटा तपलाड़, सिलामु सरना, सहिया, खबऊ, जसटा, दाबला, बुरास्टी के डेढ़ सौ से अधिक ग्रामीणों की एक बैठक में सर्वसम्मति से शादी विवाह और अन्य दावतों में अंग्रेजी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिए गया। साथ ही विवाह समारोह में बाहर से आने वाले चाऊमीन, मिठाई आदि के स्टाल नहीं लगाए जाएंगे। स्थानीय स्तर पर गांव की महिलाओं (रहणी) को सामूहिक भोज से पहले जिमाया जाता है, उसमें भी मिठाई बाहर से नही मंगाई जाएगी। इसके साथ ही पिठाई का चलन भी बंद किया जाएगा।
वहीं शादी में मामा (मौखि) पक्ष का ही बकरा लिया जाएगा, अनावश्यक मिठाई के डिब्बे नहीं लिए जाएंगे। मौखिको छोड़ अन्य महमानों के बकरा लाने पर भी प्रतिबंध होगा। रात दस बजे बाद डीजे बजाने पर भी प्रतिबंध होगा। ज्यादा जोर स्थानीय कलाकारों द्वारा गाये जाने वाले वाद्य यंत्रों व गीतों पर रहेगा। उन्होंने बताया कि देखने मे आ रहा है कि लोग एक दूसरे की प्रतिस्पर्धा में शादी में अनावश्यक खर्च कर रहे हैं। जबकि कार्यक्रमों में स्थानीय परंपरा समाप्त होती का रही है।
उन्होंने कहा कि शादी ब्याह स्थानीय परम्परा के अनुसार होंगे और अनावश्यक खर्चों से बचा जाएगा।
अगर यह परम्परा भविष्य में भी बरकरार रहती है और इस सुखद परम्परा का विस्तार पूरे देवभूमि उत्तराखंड में होता है तो यह भावी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।