प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी हिंदी -विभागाध्यक्ष डीएवी ( पीजी) कालेज देहरादून हुई सेवानिवृत्त,36 वर्षों की लम्बी सेवा के उपरांत ससम्मान हुई विदाई

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**उत्तराखंड, प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी हिंदी -विभागाध्यक्ष डीएवी ( पीजी) कालेज देहरादून ने अधिवर्षता के कारण छत्तीस वर्षों की अनवरत ,अतुलनीय और अध्यापन कार्य के लिए समर्पित सेवा के उपरांत अवकाश प्राप्त कर लिया है। इस आयोजित “विदाई समारोह” में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. एस.के. सिंह सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई दी। विदाई समारोह कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य और शिक्षकों ने विवेकानंद खंडूड़ी भारतीय जनता पार्टी नेता एवं पूर्व छात्र अध्यक्ष डीएवी (पीजी) कालेज को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
बहुआयामी एवं असाधारण व्यक्तित्व की स्वामिनी प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी का अध्यापन के अतिरिक्त सामाजिक और सांस्कृतिक व साहित्यिक कार्यो मे भी अनुपम योगदान रहा है। अपने भावपूर्ण संबोधन में डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी ने अपने ससम्मान अवकाश प्राप्ति की उपलब्धि और महाविद्यालय के शिक्षकों-कर्मचारियो का साथ छूटने के मानसिक द्वंद का एहसास कराया। उन्होंने कहा, 19 दिसम्बर 1987 से डी ए वी ( पीजी) कालेज के हिन्दी विभाग में अध्यापन कार्य किया। हिंदी -विभागाध्यक्ष शिक्षक संघ डीएवी ( पीजी ) कालेज के अध्यक्ष पद पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 19-7-2024 को कार्यमुक्त होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. एस .के . सिंह सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकों से अभूतपूर्व स्नेहासिक्त भावभीनी विदाई लेते हुए कई बार मन भाव -विभोर उठा । हर्ष और विदाई की इस बेला में जिनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपस्थिति ने मुझे गौरवान्वित किया उन सभी का धन्यवाद। मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूँ । धन्यवाद डीएवी (पीजी ) कालेज देहरादून।
डाॅ0 खंडूरी की उपलब्धियां ऐसी हैं।
लोक सेवा आयोग इन्दौर मध्यप्रदेश’ एवं ‘लोकसेवा आयोग हरिद्वार उत्तराखण्ड’ में समय -समय पर साक्षात्कार कर्ता , प्राश्निक, रिव्यूअर आदि के रूप में कार्यशालाओं में भागीदारी ।
उत्तराखण्ड शासन द्वारा प्रमाणिक ‘सम्मानित चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारी, ।
उत्तराखण्ड शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार ।
सिंगापुर में एवं नेपाल में अन्तर्राष्ट्रीय शोध -सम्मेलनों शोध-पत्र वाचन ,एवं नेपाल से , ‘भानु साहित्यिक सम्मान – 2020’ से सम्मानित ।

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