उत्तराखंड क्रांतिदल द्वारा दल के पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक त्रिवेन्द्र पंवार के नेतृत्व में उत्तराखंड प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू किये जाने को लेकर एक दिवसीय उपवास रखा गया। इस अवसर पर त्रिवेन्द्र पंवार ने कहा कि उत्तराखंड का सम्पूर्ण जनमानस एक सशक्त भू कानून चाहता है लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने बाहरी लोगों को उत्तराखंड में असीमित भूमि खरीद की खुली छूट दे दी है। खुली छूट देने के कारण यहां के छोटे कृषकों की जमीनों को औने-पौने दामों में खरीद फरोख्त की प्रबल सम्भावना बढ़ गयी है।जहाँ हिमाचल ने एक वर्ष के अंदर अपना भू कानून बना दिया और अपने राज्य की जमीनों को बचाया वंही उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने जो कानून थोड़ा बहुत था भी उंसको भी हटा कर निवेश के नाम बाहरियों को खुली छूट दे दी। राज्य बनने के बाद से ही एक सशक्त भू कानून की आवश्यकता थी लेकिन सत्ता धारी पार्टियों ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया जिससे यहां की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है। आज बाहरी लोग असीमित भूमि खरीदते जा रहे हैं इसका खामियाजा यँहा की जनता को भुगतना पड़ेगा। इससे उत्तराखंड की सभ्यता एवं संस्कृति पर भी कुठाराघात होगा। उक्रांद अपनी जमीनों को बचाने व सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए लम्बी लड़ाई को जारी रखेगा। पूर्व अध्यक्ष बी डी रतूडी ने कहा कि राज्य को बचाने के लिए एक प्रभावी भू कानून की नितान्त आवश्यकता है।राज्य बनाने के पीछे यही मंशा थी कि यहां के जल,जंगल व जमीन का सही उपयोग हो सके और उसका लाभ उत्तराखंड की जनता को मिल सके।कार्यक्रम का संचालन केन्द्रीय प्रवक्ता विजय कुमार बौड़ाई ने किया। कार्यक्रम में दल के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुकरेती ,जयप्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत,एन के गुसाईं, सुनील ध्यानी,देवेंद्र कंडवाल ,शैलेश गुलेरी,रेखा मिंया, प्रमिला रावत,राजेश्वरी रावत,प्रीति थपलियाल, वरिष्ठ आंदोलनकारी कमल भंडारी,राजेन्द्र सिंह विष्ट,रमेश थलाल, जबरसिंह पावेल,केन्द्रपाल सिंह तोपवाल, दीपक रावत,गणेश काला,संजय डोभाल,वीरेन्द्र रावत राजेंद्र प्रधान,सन्नी भट्ट,संजय बहुगुणा, शिवप्रसाद सेमवाल ,मीनाक्षी घिल्डियाल,किरण रावत,सुलोचना इष्टवाल, सोमेश बुडाकोटी,पंकज पैन्यूली, बृज मोहन सजवाण,नरेश बौंठियाल ,प्रवीण रमोला,मुकेश कुन्द्रा आदि मौजूद थे।