जोशीमठ।
जोशीमठ आपदा के दिन से ही देवभूमि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार दिन व रात बिना रूके बिना थके काम कर रही है।सत्तारूढ भाजपा के अनेक विधायक,संगठन के प्रदेश,जिला,मण्डल स्तरीय पदाधिकारीगण,सैकड़ो जमीनी कार्यकर्ता,राज्य सरकार के अनेक मंत्री,आला अधिकारी व भारत सरकार के आपदा,भू,जल व अन्य अनेकों प्रकार के विशेषज्ञों की टीम वहां मौजूद है।
इन सबके बीच धामी सरकार ने कार्य किये बिना भी दिहाड़ी देने का काम कर आपदा पीडितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है।
धामी सरकार ने राज्य की व राज्य के बाहर रह रहे लोगों से अपील की कि बिना सोचे,देखे भाले अनावश्यक बातों को सोशल मीडिया पर चलाने से बचें,इससे जहां एक ओर आपदा पीडितों का मनोबल गिरेगा वहीं दूसरी हमारे राज्य के तीर्थाटन,पर्यटन पर इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो कि हमारे राज्य की आर्थिकी को कमजोर कर देगा।
जोशीमठ में भू-धंसाव से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मकानों में दरारें और खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। प्रभावित परिवारों की संख्या 760 से अधिक है। मकानों में दरारें पड़ने के बाद कई परिवार बेघर हो गए हैं। इसके साथ ही खेतीबाड़ी का काम भी बंद है। प्रभावित परिवारों के सामने अजीविका का संकट भी खड़ा हो गया है। ऐसे में सरकार प्रभावितों के लिए संजीदा है। सरकार लगातार प्रभावितों को राहत देने का काम कर रही है। इसी के तहत अब राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को बिना काम किए मनरेगा से दिहाड़ी देने का फैसला किया है। इसमें प्रत्येक परिवार से दो लोगों को दिहाड़ी मिलेगी, जिससे आजीविका चलती रहे। यह राशि तक तब मिलेगी, जब तक प्रभावित परिवार राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य में मनरेगा योजना के तहत 213 रुपये दिहाड़ी निर्धारित है।
इसके अलावा सरकार ने प्रभावित परिवारों के मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और पशुचारे का इंतजाम किया है। इसमें प्रति पशु 15 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। पशुचारे के लिए प्रतिदिन बड़े पशुओं को 80 रुपये प्रति और छोटे के लिए 45 रुपये प्रति पशु दिए जाएंगे।