रूस-यूक्रेन जाते थे डॉक्टर बनने,परमाणु युद्ध की संभावना के बाद क्या होगा राम जाने(महत्वपूर्ण जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें)

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रूस यूक्रेन की लड़ाई लगातार जारी है।
रूस परमाणु बम का भी इस्तेमाल कर सकता है,इससे दुनियाभर के देशों की धड़कने बढ़ गई हैं।
रूस का मकसद है कि वह हर हाल में 2 मार्च तक पूरा काम समाप्त करके युद्ध समाप्त कर दे।





रूस के सैन्य अभियान से यूक्रेन की हालात खराब हो गए हैं। यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र खासकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं और कई अभी वहां फंसे हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यूक्रेन में करीब 18 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। रूस में भारतीय छात्रों की संख्या 14 हजार के करीब है। यानी इन दो देशों में भारत के करीब 32 हजार छात्र हैं। सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई करने के लिए विदेशों का रुख क्यों करते हैं।



इनमें से कई छात्र यूक्रेन, रूस, फिलीपींस और यहां तक कि बांग्लादेश जैसे देशों का रुख कर रहे हैं। भारत की तुलना में इन देशों में डॉक्टरी की पढ़ाई का खर्च बहुत कम है। इस बात का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है कि देश में अंडरग्रेजुएट लेवल पर मेडिकल की कितनी सीटें हैं। कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के मुताबिक देश के सरकारी कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट लेवल पर 40,000 सीटें हैं। इनमें पांच साल के एमबीबीएस कोर्स के लिए फीस 1 लाख रुपये से कम होती है।





युनिवर्सिटीज में 60,000 सीटें हैं। ये इंस्टीट्यूट्स सालाना 18 लाख से 30 लाख रुपये तक फीस चार्ज करते हैं। पांच साल के कोर्स के लिए यह राशि 90 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक होती है। देश में मेडिकल की करीबन 1,00,000 सीटों के लिए 16,00,000 से अधिक छात्र से परीक्षा देते हैं। कोचिंग के लिए भी छात्रों को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित एक समिति के मुताबिक कोचिंग के लिए समृद्ध परिवारों के छात्र 10 लाख रुपये तक खर्च करते हैं।





यही वजह है कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र डॉक्टर बनने के लिए विदेशों का रुख कर रहे हैं। यूक्रेन, रूस, किर्गीजस्तान और कजाकस्तान इन छात्रों का पसंदीदा ठिकाना है। अब बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फिलीपींस और बांग्लादेश का भी रुख कर रहे हैं। बांग्लादेश में डॉक्टर बनने का खर्च 25 से 40 लाख रुपये है। फिलीपींस में एमबीबीएस कोर्स का खर्च 35 लाख और रूस में 20 लाख रुपये है। उसमें हॉस्टल का खर्च भी शामिल है।
इससे साबित हो जाता है कि हमारे देश भारत में अन्य देशों की तुलना में मेडिकल की पढ़ाई करनी महंगी है।



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