उत्तराखण्ड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘‘हरेला’ धूमधाम से मनाया गया,पूर्व सीएम पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी थे मुख्य अतिथि

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देहरादून।उत्तराखण्ड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद द्वारा उत्तराखण्ड का लोकपर्व ‘‘हरेला’ धूमधाम से मनाया गया,कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने शिरकत की।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शक्ति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है।


‘एक पेड़ मां के नाम’’ कार्यक्रम, उत्तराखण्ड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के तत्वाधान में उत्तराखण्ड का लोकपर्व ‘‘हरेला’’ (हरियाली-महोत्सव) की अध्यक्षता संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष राज्यमंत्री मधु भट्ट एवं संचालन बलराज नेगी ने किया।
लोकपर्व हरेला(हरियाली- महोत्सव) कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तथा विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट ने कार्यक्रम में शिरकत की।


कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम में आये अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर तथा पदमश्री बसंती बिष्ट ने हेरला पर्व पर गीत गाकर तथा स्कूली बच्चों द्वारा नृत्य प्रस्तुत कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री तथा महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि ‘‘एक पेड मां के नाम’’ के कार्यक्रम जो देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने आह्वान किया है वह अपने आप में एक पर्यावरण के लिये अच्छा संदेश है लेकिन इसे साकार करना हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में मनाये जाने वाला लोकपर्व हरेला सावन के आने का संदेश है। इस पर्व के पीछे फसल लहराने की कामना है। खुशहाली का आशीष है, बुर्जुेगों का आशीर्वाद है। हरेला चैत्र माह में फसल के मौसम की शुरूआत का प्रतीक है जबकि श्रावण माह में इसे हरियाली और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसी प्रकार अश्विन माह में इसे सर्दियों के आगमन के प्रीतक के रूप में मनाया जाता है। कोश्यारी ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां 365 दिन में 366 त्यौहार मनाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि पेड तो हर कोई लगा देता है लेकिन उसकी देखरेख कौन करेगा इसको भी समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक पेड मां के नाम जो कार्यक्रम का आह्वान किया है वह तभी साकार होगा जब हम  उस पेड की समस्त जिम्मेदारी लेगे और उत्तराखण्ड वासियों को चाहिये वह एक पेड मां के नाम, एक पेड धरती मां के नाम, एक पेड़ भारत मां के नाम यानी तीन पेड़ लगाकर देश को एक अच्छा संदेश दे सकते हैं।

कार्यक्रम में प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने लोकपर्व हरेला पर उत्तराखण्ड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के तत्वाधान में आयोजित हरियाली महोत्सव के अंतर्गत वृक्षारोपण कर सांस्कृति कार्यक्रम मे प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि  हरेला पर्व की सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शक्ति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है। यह पर्व जीवन को प्रकृति के साथ जोड़ने का कार्य करता है।


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट ने भी उत्तराखण्ड का लोकपर्व ‘‘हरेला’’ की सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का यह लोकपर्व विश्व एवं मानव जगत को पर्यावरण संरक्षण एवं हरियाली से खुशहाली का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ को हम सभी को मिलकर साकार करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही उत्तराखण्ड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष राज्यमंत्री मधु भट्ट ने उत्तराखण्ड लोकपर्व हरेला की सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शक्ति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है। यह पर्व जीवन को प्रकृति के साथ जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हम प्राकृतिक धरोहर एवं विरासत को संरक्षित कर भावी पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण देंगे। उन्होने कहा कि इस बार उत्तराखण्ड के यशस्वी, कर्मठ, युवा एवं जुझारु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में हरेला पर्व की थीम पर्यावरण की रखवाली है। घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली निर्धारित की गयी है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने सब कुछ दिया है हमारी जिम्मेदारी है कि प्रकृति प्रदत्त सम्पदाओं का सही तरह से उपयोग हो। वृक्षारोपण और जल संरक्षण की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने होंगे।
मधु भट्ट ने बताया कि आज उनके साथ 70 से अधिक संस्थाएं एवं संगठन मिलकर 5 लाख तक विभिन्न जगहों पर पर्यावरण को बचाने के लिये पौधे रोपण करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा कई संस्थाओं एवं पर्यावरण प्रेमियों व स्कूली बच्चो, कलाकारों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों ने एक-एक पेड़ उत्तराखण्ड संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में रोपित कर पर्यावरण को संरक्षित रखने का संदेश दिया।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, उत्तराखण्ड बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री ज्योति प्रसाद गैरोला,राष्ट्रीय महामंत्री महिला मोर्चा दीप्ति रावत, राज्यमंत्री सुरेश भट्ट, राज्यमंत्री विनोद उनियाल,राज्यमंत्री कैलाश पंत, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा गीता खन्ना,विधायक सविता कपूर, पूर्व दर्जाधारी सुभाष बड़थ्वाल, प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन, डॉ. दीपिका चमोली, डॉ. अर्चना डिमरी, डॉ. वन्दना स्वामी, कंचन गुनसोला, ममता नागर, स्वाती चतुर्वेदी, अभिषेक मैठाणी, डॉ. किरन पुरोहित, मोहित नवानी, अन्नु पंत, कुलदीप काला, डॉ.बृजमोहन शर्मा, डॉ. जूही गर्ग, शान्ता नेगी, एनके गुसाईं, जागृति वशिष्ठ, जोत सिंह बिष्ट, आशीष गिरी, अभिषेक मन्दोला, कुसुम पंत, साधना शर्मा, मधु मारवाह आदि उपस्थित रहे।

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