तम्बाकू शरीर और मन दोनों के लिये घातक-डॉ0 नेगी

0
1254

डाॅ0 देव कृष्ण थपलियाल

*तम्बाकू शरीर और मन के लिये घातक*: *डॉ *नेगी*

*पैठाणी* । राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा महाविद्यालय की कला परिषद के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं नें तम्बाकू के सेवन से होनें वाली घातक बीमारियो तथा उसके उन्मूलन को लेकर व्यापक चर्चा/परिचर्चा की । वक्ताओं ने तम्बाकू को धीमा जहर करार देते हुऐ , उसके निदान के लिये समाज में सघन व सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बताई ,इसके लिये छात्र/छात्राओ नें तम्बाकू निषेध के लिये विशेष जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया ।





महाविद्यालय के प्राद्यापक डॉ0 राजीव दुबे ने तम्बाकू के भारत आगमन और उसके प्रयोग को लेकर विशेष चर्चा की उन्होंने बताया की तम्बाकू सेवन करने वाले के साथ-साथ उसके साथी को भी उतना ही प्रभावित करता है । डॉ0 विरेन्द्र चंद ने उत्तराखंड /पहाड़ में तम्बाकू के अत्यधिक सेवन पर चिंता व्यक्त की उन्होंने छात्र/छात्राओ का आहवाहन किया की वे इस सामाजिक बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने में सहयोग करें, एक सामाचार का हवाला देते हुए डॉ0 चंद नें कहा की नशा करने में उत्तराखंड अग्रणी पांत में खड़ा है जिस पर हमें दुःख होता है । डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह नें कहा की युवावो में ही वह ताकत है जो पुरे प्रदेश और देश को तम्बाकू से लेकर तमाम प्रकार के मादक द्रव्यों से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । आज का युवा शिक्षित एवम् ऊर्जा से भरा हुआ है अगर वो सोच ले तो निश्चित ही समाज में तम्बाकू सेवन जड़ से ही खत्म हो जाएगा । छात्रा कु0 श्वेता व कु0 शिवानी नें कहा की सरकार को बाजार व दुकानों से तम्बाकू, बीड़ी, जैसी खराब चीजो को तुरंत हटा देना चाहिये,इससे न केवल स्वस्थ्य को हानि होती है बल्कि लोगो को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है ।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी ने छात्र/छात्राओ को महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए आहवाहन किया की वे चाहें तो समाज तम्बाकू जैसी अनेक नशीली चीजो को समाज से ख़त्म किया जा सकता है । उनहोने कहा की तम्बाकू जैसी चीजो से न केवल शारीरिक हानि होती है अपितु मन व आत्मा भी दूषित होने लगती है । आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ में कैंसर जैसी घातक बिमारी के भी दरवाजे खुलने लगते है जिससे परिवार भी अस्थिर होने लगता है ।





इसलिये शिक्षित युवा अगर पहल करें तो समाज व पीड़ित लोगो को बचाया जा सकता है, विगत वैश्विक कोविड के सन्दर्भ में नशे की चर्चा में डॉ0 नेगी ने कहा की इस महामारी के शिकार अधिकाँश लोग तम्बाकू या अन्य मादक पदार्थो के सेवन करने वाले थे ।
गोष्ठी के अंत में सभी प्रतिभागियों नें तम्बाकू के सेवन को रोकने का संकल्प लिया ।





गोष्टी का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल ने किया ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here