उत्तराखंड क्रांतिदल के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने भाजपा द्वारा घसियारी योजना को चुनाव नजदीक आते व अपनी हार देख शिगूफा करार दिया है।
उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत कि भाजपानित सरकार 2017 में सत्ता में आयी |जिसे डबल इंजन की सरकार कहाँ गया लेकिन भाजपा 2017 चुनाव के वायदों को ही पूरा नहीं कर पायी।भ्रष्ट्राचार को रोकने के लिए 100 दिन में लोकायुक्त लाएंगे, वो वायदा कहाँ गया दूसरी तरफ क़ृषि को बढ़ावा देने के लिए चकबंदी लागू करने की योजना धरातल पर नहीं उतर पायी, डेढ़ लाख युवाओं को रोजगार का वायदा फेल हो चुका हैं | राज्य के प्रशिक्षित बेरोजगार सड़को पर आंदोलन कर रहा हैं | कोरोना के कारण प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री रोजगार योजना असफल हो चुकी हैं, जरुरतमंदो को कोई लाभ नहीं मिला |जो प्रवासी लोटा था दोबारा रोजी रोटी के लिए वाफीस जा चुका हैं |
गाँव के गाँव खाली हो रहे हैं जो गाँव बसे हैं उनकी आबादी भी पलायन आज भी कर रहा हैं | सरकार स्पष्ट बताये घस्यारी कल्याण योजना का लाभ मानवविहीन गावो के लिए हैं या जिन गाँवो में कम आबादी हैं जो पशु पालन से दूर हैं उनके लिए हैं,
दल का स्पष्ट मानना हैं कि अरबों रुपया जो सहकारिता विभाग के लिए हैं उस धन को बाट लगाने के लिए यह योजना बनायी हैं | बिहार कि तर्ज पर उत्तराखंड में घस्यारी कल्याण योजना चारा घोटाला साबित होंगी।