धनसिंह अथवा धामी में से कोई एक बनेगा सीएम या फिर पैराशूट से होगी नये सीएम की लैडिंग

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धनसिंह,धामी में से कोई एक बनेगा सीएम या फिर पैराशूट से होगी नये सीएम की लैडिंग

पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा के आम चुनाव में पंजाब को छोड़कर बाकी 4 राज्यों में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में जहां योगी की मुख्यमंत्री के पद पर पुन:ताजपोशी निश्चित है,वहीं पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में सीएम की रेस में कई दावेदार शामिल हो गये हैं।
भाजपा हाईकमान उत्तराखंड में किसी विधायक को,पूर्व सीएम धामी पर अपना विश्वास जताता है या फिर नये सीएम की लैडिंग पैराशूट से होगी।यह जल्द ही देखने को मिल जायेगा।
इन सभी में पिछली सरकार में स्वास्थ्य व उच्च शिक्षा मंत्री रहे डाॅ0 धनसिंह रावत रेस में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं।
पिछली बार प्रचंड बहुमत के बाद सीएम बनने की बात आई तो उस समय भी धनसिंह रावत का नाम सुर्खियों में रहा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत व उसके बाद अगले सीएम तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे के बाद फिर से दोनों बार मुख्यमंत्री के लिए धनसिंह रावत का नाम जोरशोर से आगे आया।
इस बार फिर से भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद डाॅ0 धनसिंह रावत को उत्तराखंड के लोग नये मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं।
डाॅ0 धनसिंह रावत संघ पृष्ठभूमि के प्रमुख नेताओं में शुमार हैं।
अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपने विभाग में बेहतर काम कर संघ व सरकार में अपनी जबरदस्त पैठ बनाई।
राज्य सरकार में कई बार वो संकटमोचक की भूमिका में भी नजर आये।
भाजपा ने 5 राज्यों में से 4 प्रदेशों में पूर्ण बहुमत के साथ शानदार वापसी की है। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर भाजपा ने मिथक को भी तोड़ दिया।हालांकि, इन सबके बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी का खटीमा सीट से चुनाव हार जाना सबको चौंकाने वाला रहा।जिसके बाद से सीएम फेस को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं।
दूसरी ओर धामी के चुनाव हारने के बावजूद कयास लगाये जा रहा हैं कि देवभूमि में एक बार फिर से पुष्कर धामी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।कई विधायक धामी के पक्ष में खुलकर सामने भी आ चुके हैं।
इतना ही नहीं, उन्होंने धामी के चुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट भी छोड़ने की भी बात कही है। पार्टी में कई ऐसे विधायक हैं, जो धामी को एक बार फिर से सीएम बनाना चाहते हैं।
भाजपा प्रदेश मीडिया मनवीर सिंह राणा ने कहा कि चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी और कपकोट विधायक सुरेश गड़िया के बाद अब भाजपा के चार और विधायकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। आधा दर्जन विधायक सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं।गौरतलब है कि रामनगर से विधायक दीवान सिंह बिष्ट और काशीपुर से नवनिर्वाचित विधायक त्रिलोक सिंह चीमा की भी पसंद धामी हैं।चीमा का कहना है कि राज्य को धामी जैसा ऊर्जावान और युवा सीएम मिलना चाहिए।
वहीं, अरविंद पांडे ने पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में भाजपा बहुमत के साथ जीती है। इसलिए अगर वह दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं, तो इस पर कोई भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वहीं, राज्य में नये मुख्यमंत्री के सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा जब पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी जीती है तो केवल उनकी हार मात्र से उन्हें रिजेक्ट करना सही नहीं होगा। उनके हार जाने का सीधा मतलब यह है कि उन्होंने पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में मेहनत की है। इसलिए वह अपनी विधानसभा पर ध्यान नहीं दे पाए। पुष्कर सिंह धामी ऊर्जावान युवा हैं। पार्टी को चाहिए कि उन्हें एक बार फिर मौका दे।

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