हरक सिंह बतौर स्टार प्रचारक दिखायेंगे अपनी हनक,पूर्व सीएम हरीश रावत लाल कुआं से लडेंगे चुनाव

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आखिरकार उत्तराखंड की विधानसभा चुनाव को लेकर बची हुई सीटों पर कांग्रेस ने टिकटों को लेकर मचे घमासान के बाद न सिर्फ 5 सीटों पर प्रत्याशी बदल डाले बल्कि हरीश रावत को अब लाल कुआं और बागी सुर में बोल रहे पूर्व विधायक रंजीत रावत को सल्ट विधानसभा से लड़ने भेज दिया।


पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा को हरिद्वार (ग्रामीण) से टिकट देकर एक परिवार एक टिकट के फार्मूले को भी खत्म कर दिया है। आज ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए उक्रांद के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत को नरेंद्र नगर से टिकट दे दिया। वह बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को टक्कर देंगे।
हरीश रावत रामनगर छोड़ अब लाल कुआं लड़ेंगे
हरीश और रंजीत एक ही सीट रामनगर से लड़ने को आमादा थे। पार्टी ने बीच का रास्ता निकाला और दोनों को ही अलग-अलग सीटों पर लड़ने के निर्देश दे दिए। हरीश के लिए लाल कुआं बहुत मुश्किल चुनौती नहीं माना जा जा रहा। बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट को बहुत घातक नहीं माना जा रहा। इसलिए हरीश रामनगर छोड़ वहाँ लड़ने को राजी हो गए।



रंजीत रावत को सल्ट का दुर्ग फतह करने को भेजा गया है
रंजीत के लिए भी सल्ट रामनगर जितना आसान भले न हो लेकिन बहुत मुश्किल भी नहीं होगा, ऐसा माना जा रहा। काँग्रेस ने जो दूसरी सूची जारी की थी, उसमें कई नामों को बहुत हल्का माना जा रहा था। आखिरकार उन कमजोर नामों को बदलने के लिए पार्टी मजबूर हो गई। डोईवाला में मोहित उनियाल को बदल के गौरव चौधरी को, ज्वालापुर (SC हेतु सुरक्षित सीट) से बरखा रानी को हटा के रवि बहादुर को, लाल कुआं से संध्या डालाकोटी की जगह हरीश रावत, कलाढुंगी में महेन्द्रपाल की जगह महेश शर्मा और रामनगर में हरीश रावत की जगह महेन्द्रपाल को भेजा गया।





हालांकि हरीश का टिकट सिर्फ सियासी समीकरण के चलते बदला गया न कि उनको कमजोर समझ के। रूड़की से यशपाल राणा टिकट ले गए। एक परिवार एक टिकट का फॉर्मूला फिर नहीं दिखा और अनुपमा रावत भी हरिद्वार (ग्रामीण) से लड़ने उतर गईं। यशपाल आर्य और संजीव आर्य पिता-पुत्र होने के बावजूद टिकट ले गए, लेकिन ये अपवाद था। दोनों को बीजेपी से काँग्रेस में आने से पहले ही आश्वस्त किया गया था। हरक सिंह रावत पर जरूर ये फॉर्मूला लागू रहा। उनकी सिर्फ बहू अनुकृति को टिकट दिया गया।

चौबट्टाखाल से केसर सिंह नेगी को मैदान में उतारा गया है। धन-बल में भी उनको मजबूत समझा जाता है। वह बीजेपी के सतपाल महाराज को कितनी टक्कर दे पाएंगे, ये तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन उनको हल्के में भी नहीं लिया जा सकता है।





पहले इस सीट पर कांग्रेस पार्टी द्वारा कद्दावर नेता डाॅ0 हरक सिंह रावत को उतारने की चर्चाएं चल रही थी,केसर सिंह नेगी को उम्मीदवार घोषित होने पर चर्चाओं पर विराम लग गया है।
ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी
डाॅ0 हरक सिंह रावत को बतौर स्टार प्रचारक मैदान में उतारकर कांग्रेस अपने परम्परागत प्रतिद्वंदी भाजपा को टक्कर देगी।




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