अखिल भारतीय समानता मंच उत्तराखंड द्वारा भारत के संविधान कमेटी के सदस्य रहे *सर बी एन राव,* की जयंती पर उन्हें याद किया गया तथा संविधान बनाने में उनकी भूमिका की भूरी भूरी प्रशंसा की गई। संविधान निर्माण में उनकी भूमिका को उन को दी गई उपाधि *आर्किटेक्ट ऑफ कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया*
से स्वयं समझा जा सकता है।
1887 में बेंगलुरु में जन्मे बी एन राव ने दसवीं में मद्रास में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए थे। इन्होंने लंदन से कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त की। ये कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी रहे, इनके शानदार कानूनी ज्ञान को देखते हुए 1946 में संविधान सभा ने इन्हें संवैधानिक सलाहकार बनाया गया। भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए इन्होंने अनेकों देशों की यात्रा कर, वहां के संविधान का अध्ययन किया। इन्हे हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के पहले भारतीय न्यायाधीश बनने का गौरव भी प्राप्त है। 1949 से 1952 तक ये संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि भी रहे। सर बी एन राव का निधन इनका निधन 30 नवंबर 1953 को हुआ था।
आज उनकी जयंती पर श्रद्धांजली देने वालो में मुख्यत विनोद नोटियाल , एलo पीo रतूड़ी , विनोद धस्माना , जेoपीo कुकरेती, प्रदीप कुकरेती , केसर सिंह रावत , डी एस सरियाल, राजेन्द्र चौहान आदि ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।